गुरुवार, 25 जून 2015

बहुत गुणकारी है फलों का राजा आम




        
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मीठा रसीला आम  इतना  गुणकारी है, की उसे सभी फलों का राजा कहा जाता है.क्योंकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्वों अर्थात विटामिन्स व मिनरल्स यानि केल्शियम,कैरोटिन पोटेशियम, मैग्नीशियम यदि का पर्याप्त भंडार है.
             कच्चा आम जिसे अमिया या कैरी कहते हैं,इस अवस्था में आम का उपयोग आचार ,जैली,और अमचूर तैयार किया जाता है,छोटा कच्चा आम कसैला व खट्टे स्वाद वाला रूचि कारक,वात,पित्त उत्पन्न करने वाला होता है.जबकि बड़ा कच्चा आम, खट्टे रस वाला रूखा,त्रिदोष उत्पन्न करने वाला होता है.जबकि पका हुआ आम मीठा, पौष्टिक,स्निग्ध,शक्तिवर्द्धक,सुख दायक,वात नाशक,हृदय के लिए हितकारी, रंग निखारने वाला,पित्त को न बढ़ने देने वाला, कफ और वीर्यवर्द्धक होता है .
अब देखते हैं स्वास्थ्य की दृष्टि से क्या लाभकारी है आम;-

रक्त प्रदर,
        यह असामान्य ऋतुस्राव से उत्पन्न स्त्री रोग होता है,यदि आम की गुठली की मींगी को कूट कर पीस कर अच्छे से सुखा लिया जाय और इस चूर्ण को आधा चम्मच या तीन ग्राम मात्रा  में सुबह शाम ताजे पानी के साथ सेवन करें, तो रक्त प्रदर में आराम मिलता है.मिर्च मसाले,गर्म  प्रकृति की वस्तुएं और तेल  पदार्थों से परहेज रखना चाहिए.
लू लगना ;-
         ग्रीष्म ऋतु में जब गर्म हवाओं का हमला होता है ,उसे लू चलना कहते हैं,ऐसे मौसम में कच्चे आम को भून कर ,इसे पानी में मसल कर,छान कर ,पिसी मिश्री मिला कर, आम का पन्ना तैयार क्या जाता है.इस आम के पन्ने को पीने से लू का असर दूर हो जाता है.



केंसर रोधी ;-
          आम का जूस शरीर में बनने वाले केंसर चक्र को रोकता है.आम का सत छाती एवं कोलन के केंसर को रोकने में सहायक होता है.आम में मौजूद फाइबर जिसे पेक्टिन कहा जाता है,आँतों के केंसर के खतरे को कम करता है.
पाचन क्रिया में सहायक ;-
                   आम में पाचन में सहायक एन्जाइम पाए जाते हैं,जो प्रोटीन को तोड़कर हजम करने में मदद करते हैं.और इसका फाइबर कब्ज से बचाता है,जब कच्चे आम में गुठली न बनी हो की एक या दो फांक नमक एवं शहद के साथ खाने से डायरिया,कब्ज,बदहजमी जैसे रोगों में लाभ मिलता है.
त्वचा के लाभ;-
             आम के नियमित सेवन से चेहरे के रंग साफ़ होता है ,त्वचा मुलायम व चमकदार बनती है.आम को तोड़ने पर निकलने वाला लसलसा पदार्थ यानि चेंपा दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है.
मधुमेह में लाभकारी ;-
              आम के पत्ते खून में इन्सुलिन के स्तर को सामान्य बनाये रखने में सहायक होते हैं.आम के कुछ पत्ते पानी में उबालकर,पूरी रात के लिए रख दें.सवेरे छान कर पीने से मधुमेह का घरेलू उपचार किया जा सकता है.आम का शुगर इंडेक्स कम होने के कारण आम शुगर लेवल नहीं बढाता.
एनीमिया से रक्षा करता है;-
                  आम में आयरन होने के कारण गर्भवती स्त्रियों एवं व्यक्तियों को एनीमिया (खून की कमी) में लाभदायक होता है. आम में मौजूद विटामिन सी,सब्जी एवं चावल से आयरन को शरीर में संरक्षित कर लेता है.अक्सर मीनोपोज के पश्चात् स्त्रियाँ कमजोर हो जाती हैं,उन्हें आम जैसे लौह तत्व वाले फलों का सेवन करना चाहिए
बवासीर ;-
   आम और जामुन के पत्ते थोड़ी देर पानी में डालकर रख लें फिर पीस कर जूस निकाल लें.एक या दो चम्मच रस को एक कप दूध में घोलकर, आधा चम्मच पिसी मिश्री मिला लें , सुबह शाम  सात आठ दिन तक पीने से बवासीर में आराम मिलता है.
मकड़ी का विष;-
    जब कभी शरीर पर मकड़ी मसली जाय तो छोटी छोटी अनेक फुंसियाँ उभर आती है, जिसमे तेज जलन एवं पीड़ा होती है.यदि पुराने अमचूर को पानी में घोलकर गाढ़ा लेप प्रभावित त्वचा पर लगा दें तो मकड़ी के विष का प्रभाव नष्ट हो जाता है.
याददाश्त ;-
     जो बच्चे पढ़ते समय ध्यान केन्द्रित कर पाने में कठिनाई अनुभव करते हैं,आम का सेवन लाभकारी होता है उनकी याददाश्त बढाता है.
वजन बढाता  है;-
  दूध और आम से बना मेंगोशेक वजन बढाने में सहायक होता है
(इन्टरनेट से प्राप्त एवं अनुवादित-TOP TEN HEALTH BENEFITS OF MANGOES)

रविवार, 21 जून 2015

फलों को क्यों खाएं और कैसे खाएं?




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  हमारे देश में फलों के सेवन को विलासी भोजन माना जाता है.क्योंकि इनकी अधिकतर उपलब्धता अमीर लोगों तक ही सीमित है.परन्तु स्थानीय फल अपने मौसम में प्रचुर मात्रा में प्रत्येक व्यक्ति की सामर्थ्य में उपलब्ध होते हैं,और उतने ही लाभकारी हैं,जितने बिना मौसम के ऊंची कीमत में प्राप्त फल. सिर्फ अवश्यकता है इनकी गुणवत्ता एवं उनके सेवन की उचित जानकारी की. मानव जीवन में फलों का अत्यधिक महत्त्व है.जिनका सेवन हम सदियों से करते आ रहे हैं.उस समय से जब हमने चावल और गेहूं का उत्पादन करना भी नहीं सीखा था,सेंडविच या मक्खन जैसे पदार्थों का चलन शुरू भी नहीं हुआ था. अधिकतर लोग फलों को विटामिन का स्रोत मान कर स्वास्थ्यवर्द्धक मानते हैं,परन्तु बहुत कम लोग को इनकी पौष्टिकता की जानकारी के कारण इन्हें अपने भोजन का हिस्सा बनाते हैं.जबकि सिर्फ शरीर सौष्ठव के लिए ही भोजन में फलों की आवश्यकता नहीं है,फलों को हमारे भोजन के कुछ भाग के रूप में सामान्य स्वास्थ्य के लिए भी सेवन किया जाना आवश्यक है.अर्थात सामान्य तौर पर प्रतिदिन भोजन में शामिल होना चाहिए.
यहाँ पर प्रस्तुत है फलों के सेवन से लाभ

फल क्यों खाएं;- 
१,फल शारीरिक ऊर्जा की पूर्ती के लिए आवश्यक शुगर के स्रोत होते हैं.
२,किसी भी अन्य भोजन से अधिक मात्रा  में विटामिन्स फलों में मौजूद होते हैं.
३,फलों में उपलब्ध एंटीओक्सिडेंट हमें अनेक रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता देते हैं.
४,फलो के मुकाबले फल अधिक सुपाच्य होते हैं क्योंकि इन्हें पचाने में किसी एन्जाइम की आवश्यकता नहीं होती और न ही पाचनक्रिया के दौर से गुजरना पड़ता है.
५,फलों में निर्विवाद रूप से स्वच्छ जल उपलब्ध होता है.
६,फलों का सेवन सर्वाधिक आसान होता है इन्हें खाने के लिए किसी तय्यारी की आवश्यकता नहीं होती.
७,फलों की विशेषता है की वे क्षारीय प्रकृति के होते है.जबकि मीट,मछली,अनाज आदि खाद्य पदार्थ अम्लीय प्रभाव देने वाले होते है,अतः तेजाब बनाते हैं.
८,फल देखने में आकर्षक एवं सुन्दर होते हैं,अतः सुस्वाद के साथ आँखों द्वारा मन को भी प्रफुल्लित करते हैं.
९,जो व्यक्ति नियमित फलों का सेवन करते हैं अधिक आयु तक जीवित रहते हैं.जो लोग प्रतिदिन कम से कम एक बार फलों(मौसमी फल) के सेवन करते हैं,अनेक बीमारियों के खतरे से बचे रहते हैं.
१०,फलों में मौजूद फाइबर हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ्य बनाये रखता है.और हमें कब्ज होने से बचाता है.
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फलों का सेवन कैसे करें ;
१,फलों का सेवन खाली पेट अथवा भोजन से कुछ समय पूर्व करना चाहिए.किसी अन्य पदार्थ के साथ फलों का अपेक्षतया कम लाभप्रद होता है.जिसका कारण है फलों में उपस्थित शुगर को किसी पाचनक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती.अतः पेट में अधिक समय तक नहीं पड़े रहते. जबकि अन्य भोजन ,जिसमें वसा, प्रोटीन, स्टार्च विद्यमान होते है, उन्हें लम्बी पाचनक्रिया से गुजरना पड़ता है.अतः यदि फल भोजन के उपरांत लिया जाए तो वे पेट में लम्बे समय तक पड़े रहेंगे और अपना पौष्टिक प्रभाव कम दिखा पाएंगे.जो बाद में पाचनक्रिया सम्बन्धी गड़बड़ियों के रूप में आ सकता है.
२,प्रत्येक फल को प्रथक प्रथक सेवन करना उचित रहता है.अर्थात बहुत सारे फलों के सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए.यदि अनेक फलों का सेवन करना है तो प्रत्येक फल को कुछ समय के अन्तराल से लेना चाहिए.
३,व्यायाम के पश्चात् सर्वाधिक उत्तम खाद्य पदार्थों में फलों का सेवन श्रेष्ठ है.विशेष तौर पर संतरा, खरबूजा, तरबूज जैसे फलों का सेवन किया जाय तो व्यायाम से आयी शरीर में पानी की कमी दूर होती है और फलो में विद्यमान शुगर तुरंत शरीर को ऊर्जा मिलती है.
४,किसी भी एक फल को हमें अपनी नित्य खुराक का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए.अदल बदल का और मौसम के फलों का सेवन करना उचित रहता है.मौसमी व स्थानीय फल शरीर की मौसम के अनुसार आवश्यकताओं की पूर्ती भी करते हैं.
५,फलों को प्राकृतिक अवस्था में खाना दांतों के लिए भी स्वास्थ्यकर है.सूखे मेवे में पानी गायब होता है अतः सूखे फल खाते समय उसके फाइबर दांतों में फंसे रह जाते है,जो बाद में दांतों में सडन और दांतों की अन्य बीमारियाँ पैदा करते हैं.इसी प्रकार यदि फलों का सेवन उनका जूस निकाल कर किया जाता है,उसमे फाइबर गायब हो जाने के कारण दांतों की सफाई नहीं हो पाती .साथ ही जूस का अम्लीय प्रभाव दांतों के एनामिल को नुकसान पहुंचाता है.अतः दन्त क्षय की सम्भावना बन जाती है.
६ खाली पेट फलों का सेवन करने से बाल सफ़ेद होने से रुकते हैं,अवसाद से बचाव होता है,गंजापन रुकता है,आँखों के नीचे घेरे गायब हो जाते हैं.
    यदि फलों को उचित विधि से भोजन का हिस्सा बना लिया जाय तो सुन्दरता ,दीर्घायु, स्वस्थ्य, ऊर्जावान, प्रसन्नता एवं इकहरे बदन का मालिक बना जा सकता है
(इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के आधार पर)