<script async
src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>
<!-- s.s.agrawal -->
<ins class="adsbygoogle"
style="display:block"
data-ad-client="ca-pub-1156871373620726"
data-ad-slot="2252193298"
data-ad-format="auto"></ins>
<script>
(adsbygoogle = window.adsbygoogle ||
[]).push({});
</script>
|
कच्चा आम जिसे अमिया या कैरी कहते हैं,इस
अवस्था में आम का उपयोग आचार ,जैली,और अमचूर तैयार किया जाता है,छोटा कच्चा आम
कसैला व खट्टे स्वाद वाला रूचि कारक,वात,पित्त उत्पन्न करने वाला होता है.जबकि बड़ा
कच्चा आम, खट्टे रस वाला रूखा,त्रिदोष उत्पन्न करने वाला होता है.जबकि पका हुआ आम
मीठा, पौष्टिक,स्निग्ध,शक्तिवर्द्धक,सुख दायक,वात नाशक,हृदय के लिए हितकारी, रंग
निखारने वाला,पित्त को न बढ़ने देने वाला, कफ और वीर्यवर्द्धक होता है
.
अब देखते हैं स्वास्थ्य की दृष्टि से क्या
लाभकारी है आम;-
रक्त प्रदर,
यह असामान्य ऋतुस्राव से उत्पन्न स्त्री रोग होता है,यदि आम की गुठली की
मींगी को कूट कर पीस कर अच्छे से सुखा लिया जाय और इस चूर्ण को आधा चम्मच या तीन
ग्राम मात्रा में सुबह शाम ताजे पानी के
साथ सेवन करें, तो रक्त प्रदर में आराम मिलता है.मिर्च मसाले,गर्म प्रकृति की वस्तुएं और तेल पदार्थों से परहेज रखना चाहिए.
लू लगना ;-
ग्रीष्म ऋतु में जब गर्म हवाओं का हमला होता है ,उसे लू चलना कहते हैं,ऐसे
मौसम में कच्चे आम को भून कर ,इसे पानी में मसल कर,छान कर ,पिसी मिश्री मिला कर,
आम का पन्ना तैयार क्या जाता है.इस आम के पन्ने को पीने से लू का असर दूर हो जाता
है.
केंसर रोधी ;-
आम का जूस शरीर में बनने वाले केंसर चक्र को रोकता है.आम का सत छाती एवं
कोलन के केंसर को रोकने में सहायक होता है.आम में मौजूद फाइबर जिसे पेक्टिन कहा
जाता है,आँतों के केंसर के खतरे को कम करता है.
पाचन क्रिया में सहायक ;-
आम में पाचन में सहायक
एन्जाइम पाए जाते हैं,जो प्रोटीन को तोड़कर हजम करने में मदद करते हैं.और इसका फाइबर
कब्ज से बचाता है,जब कच्चे आम में गुठली न बनी हो की एक या दो फांक नमक एवं शहद के
साथ खाने से डायरिया,कब्ज,बदहजमी जैसे रोगों में लाभ मिलता है.
त्वचा के लाभ;-
आम के नियमित सेवन से चेहरे के रंग साफ़
होता है ,त्वचा मुलायम व चमकदार बनती है.आम को तोड़ने पर निकलने वाला लसलसा पदार्थ
यानि चेंपा दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है.
मधुमेह में लाभकारी ;-
आम के पत्ते खून में इन्सुलिन के स्तर को सामान्य बनाये रखने में सहायक
होते हैं.आम के कुछ पत्ते पानी में उबालकर,पूरी रात के लिए रख दें.सवेरे छान कर
पीने से मधुमेह का घरेलू उपचार किया जा सकता है.आम का शुगर इंडेक्स कम होने के
कारण आम शुगर लेवल नहीं बढाता.
एनीमिया से रक्षा करता है;-
आम में आयरन होने के कारण
गर्भवती स्त्रियों एवं व्यक्तियों को एनीमिया (खून की कमी) में लाभदायक होता है.
आम में मौजूद विटामिन सी,सब्जी एवं चावल से आयरन को शरीर में संरक्षित कर लेता
है.अक्सर मीनोपोज के पश्चात् स्त्रियाँ कमजोर हो जाती हैं,उन्हें आम जैसे लौह तत्व
वाले फलों का सेवन करना चाहिए
बवासीर ;-
आम और
जामुन के पत्ते थोड़ी देर पानी में डालकर रख लें फिर पीस कर जूस निकाल लें.एक या दो
चम्मच रस को एक कप दूध में घोलकर, आधा चम्मच पिसी मिश्री मिला लें , सुबह शाम सात आठ दिन तक पीने से बवासीर में आराम मिलता
है.
मकड़ी का विष;-
जब
कभी शरीर पर मकड़ी मसली जाय तो छोटी छोटी अनेक फुंसियाँ उभर आती है, जिसमे तेज जलन
एवं पीड़ा होती है.यदि पुराने अमचूर को पानी में घोलकर गाढ़ा लेप प्रभावित त्वचा पर
लगा दें तो मकड़ी के विष का प्रभाव नष्ट हो जाता है.
याददाश्त ;-
जो
बच्चे पढ़ते समय ध्यान केन्द्रित कर पाने में कठिनाई अनुभव करते हैं,आम का सेवन
लाभकारी होता है उनकी याददाश्त बढाता है.
वजन बढाता है;-
दूध और
आम से बना मेंगोशेक वजन बढाने में सहायक होता है
(इन्टरनेट से प्राप्त एवं अनुवादित-TOP TEN HEALTH BENEFITS OF MANGOES)